देवास, 27 जुलाई (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश के देवास जिले में ट्रांसफार्मर सुधारने के दौरान शनिवार काे बिजली कंपनी के आउटसोर्स कर्मचारी की करंट लगने से मौके पर ही मौत हो गई। रविवार काे पाेस्टमार्टम के बाद नाराज परिजन और ग्रामीण शव काे लेकर इंदौर-बैतूल नेशनल हाईवे पर पहुंचे और शव रखकर चक्काजाम कर दिया। वे जिम्मेदार अधिकारियों को बर्खास्त करने और मृतक की पत्नी को एक करोड़ रुपये मुआवजा देने की मांग कर रहे थे। सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासन के अधिकारी माैके पर पहुंचे और परिजनाें काे समझाइश देकर चक्काजाम खत्म कराया। इस दाैरान नेशनल हाईवे पर दोनों ओर लगभग 1 किलोमीटर लंबा जाम लगा रहा।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार ग्राम चापड़ा निवासी महेंद्र सिंह राजपूत बिजली कंपनी में आउटसोर्स कर्मचारी था। वह शनिवार को बारिश में गुराड़िया फाटे पर बिजली बंद होने पर सुधारने के लिए पहुंचा था। इंदौर रोड स्थित वैष्णो ढाबा के सामने लाइनमैन के कहने पर पोल पर चढ़ा, करंट लगने से जोरदार झटका लगा और नीचे गिर गया। साथियों ने संभाला और अस्पताल लेकर पहुंचे, यहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने रविवार सुबह पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया था, जिसके बाद करीब 9.30 बजे परिजनाें ने शव रखलकर चक्काजाम कर दिया। परिजनों और ग्रामीणों का आरोप है कि बिजली कंपनी के कर्मचारियों की लापरवाही से यह घटना हुई है।महेंद्र 28 साल का था, उसके दो बच्चे हैं। बड़ा बेटा 8 साल का और 3 साल की बेटी है। सूचना मिलते ही माैके पर पहुंचे तहसीलदार नीरज प्रजापति और एमपीईबी बागली के आश्वासन के बाद परिजन माने। 3 घंटे बाद चक्काजाम खत्म हुआ। परिजनों को दोषियों पर एफआईआर दर्ज करने और नौकरी से बर्खास्तगी का भरोसा दिया गया है। 10 लाख का मुआवजा देने के आश्वासन के बाद वे माने और शव अंतिम संस्कार के लिए ले गए।
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(Udaipur Kiran) / नेहा पांडे
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