नई दिल्ली, 16 जुलाई (Udaipur Kiran) । दिल्ली सरकार ने देश के पहले प्रदूषण रहित और नेट जीरो ई-वेस्ट इको पार्क को तैयार करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते नॉर्वे और हांगकांग के अत्याधुनिक ई-वेस्ट प्रबंधन मॉडलों का अध्ययन करने के लिए थर्ड-पार्टी विशेषज्ञ एजेंसी की नियुक्ति की है। इस अध्ययन का उद्देश्य उत्तर-पश्चिम दिल्ली के होलंबी कलां इको पार्क में एक विश्वस्तरीय सुविधा स्थापित करना है, जो ई-वेस्ट प्रबंधन और पर्यावरणीय जिम्मेदारी के नए मानक तय करेगी। दिल्ली सरकार ने बुधवार को एक बयान में यह जानकारी दी।
उद्योग व पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा की अध्यक्षता में बैठक के बाद यह पुष्टि की गयी कि 150 करोड़ रुपये की लागत वाले इस परियोजना के लिए ग्लोबल टेंडर की तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है और जल्द ही इसे दिल्ली राज्य औद्योगिक और बुनियादी ढांचा विकास निगम (डीएसआईआईडीसी) जारी करेगा। डीएसआईआईडीसी इस परियोजना की नोडल एजेंसी है।
सिरसा ने कहा कि सिर्फ ढांचा खड़ा करना हमारा मकसद नहीं है, बल्कि हम चाहते हैं कि ग्रीन टेक्नोलॉजी में लोगों और सरकारों का विश्वास बढ़े। इसके लिए हम दुनियाभर के सफल मॉडलों का अध्ययन कर रहे हैं। खासकर नॉर्वे (जो बेहद इको-फ्रेंडली है) और हांगकांग में जहां ई-वेस्ट प्लांट शहरों के बीच होते हुए भी शून्य प्रदूषण फैलाते हैं। हमारा लक्ष्य है कि हम सबसे स्वच्छ और सुरक्षित तकनीक अपनाएं। इससे पर्यावरण सुरक्षित रहेगा, स्थानीय रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और दिल्ली को प्रदूषण से राहत मिलेगी।
उन्होंने कहा कि यह देश का पहला ऐसा प्लांट होगा जो ग्रीन बेल्ट से घिरा, नेट जीरो एमिशन पर आधारित और वास्तव में भारत में अब तक बना सबसे हरित औद्योगिक केंद्र होगा। 11.4 एकड़ में फैले इस ग्रीन ई-वेस्ट इको पार्क में हर साल 51,000 मीट्रिक टन से अधिक ई-वेस्ट का प्रोसेस किया जाएगा और यह 350 करोड़ से अधिक की रेवेन्यू जेनेरेट करेगा। साइट के 33 फीसद हिस्से में ग्रीन बेल्ट और 53 फीसद हिस्से में खुले क्षेत्र निर्धारित किए गए हैं, जो एक प्राकृतिक प्रदूषण रोधक कवच का काम करेंगे। साथ ही यह प्लांट दिल्ली में वायु, जल और मिट्टी के प्रदूषण को कम करने में मदद करेगा।
डीएसआईआईसी जल्द ही “दुनिया के सर्वश्रेष्ठ ग्रीन टेक्नोलॉजी पार्टनर्स” को इस ग्लोबल बिड में आमंत्रित करेगा। यह भी तय हुआ है कि टेंडर के दायरे में दुनिया के सर्वश्रेष्ठ ग्रीन टेक्नॉलॉजी पार्टनर्स को शामिल किया जाएगा।
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(Udaipur Kiran) / धीरेन्द्र यादव
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