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गति शक्ति ने सड़क निर्माण को विज्ञान और तकनीक से जोड़ा : राकेश सिंह

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– भारत मंडपम में चमका Madhya Pradesh, गति शक्ति के मंच पर राज्य की तकनीकी पहल को मिली सराहना

भोपाल, 13 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) . Madhya Pradesh के लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की “गति शक्ति” योजना ने न केवल देश के इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण को तेज किया है, बल्कि राज्य सरकारों को भी तकनीक आधारित निर्णय लेने के लिए प्रेरित किया है. Madhya Pradesh लोक निर्माण विभाग ने भास्कराचार्य राष्ट्रीय संस्थान (BISAG–N) के सहयोग से गति शक्ति प्लेटफॉर्म को अपनी कार्यप्रणाली का हिस्सा बना लिया है. इससे विभाग में पारदर्शिता, वैज्ञानिक दृष्टिकोण और जवाबदेही में अभूतपूर्व सुधार आया है.

मंत्री राकेश सिंह देश की राजधानी दिल्ली स्थित भारत मंडपम में Monday को आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने बताया कि विभाग ने “लोक निर्माण सर्वेक्षण मोबाइल ऐप” विकसित किया है, जिसके माध्यम से प्रत्येक पुल, सड़क और भवन की स्थिति ऑनलाइन दर्ज की जा रही है. अब इंजीनियरिंग टीमों से लेकर मुख्यालय तक, हर स्तर पर कार्य की स्थिति रियल टाइम में देखी जा सकती है. उन्होंने बताया कि विभाग ने अब तक राज्य की 95% सड़कों की जीआईएस आधारित मैपिंग पूरी कर ली है. इस प्रक्रिया से सड़कों के वास्तविक नेटवर्क और स्थिति की पूरी तस्वीर स्पष्ट हो गई है.

दरअसल, भारत मंडपम में Monday को उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग द्वारा प्रधानमंत्री गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के चार वर्ष पूरे होने के अवसर पर एक भव्य आयोजन किया गया. इस आयोजन में देशभर के मंत्रालयों, राज्यों, तकनीकी संस्थानों, विश्वविद्यालयों और निजी क्षेत्र के विशेषज्ञों ने भाग लिया. कार्यक्रम का उद्देश्य प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की इस दूरदर्शी पहल की उपलब्धियों को साझा करना और इससे जुड़े नए तकनीकी नवाचारों को प्रदर्शित करना था.

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी ने 13 अक्टूबर 2021 को प्रधानमंत्री गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान की शुरुआत “एक भारत – एक योजना” के विजन के साथ की थी. इस योजना का उद्देश्य देश के सभी इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स को एक साझा डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाना था जिससे योजना निर्माण, समन्वय और क्रियान्वयन में गति और पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके.

कार्यक्रम में केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना भारत की विकास यात्रा का मजबूत इंजन बन चुकी है. यह केवल एक नीति नहीं बल्कि ‘संपूर्ण-सरकार दृष्टिकोण’ (Whole-of-Government Approach) का जीवंत उदाहरण है, जहाँ सभी मंत्रालय और राज्य एक साझा लक्ष्य की दिशा में मिलकर काम कर रहे हैं. अब तक इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से 13.59 लाख करोड़ रुपये की 293 बड़ी परियोजनाएँ मूल्यांकित की जा चुकी हैं. उन्होंने कहा कि गति शक्ति योजना ने योजना और निष्पादन के बीच की दीवारें तोड़ दी हैं और भारत को विकास के नए युग में प्रवेश कराया है.

केन्द्रीय मंत्री गोयल ने विशेष रूप से Madhya Pradesh सरकार और लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह की सराहना करते हुए कहा कि “Madhya Pradesh ने दिखाया है कि जब तकनीक, दृष्टि और निष्ठा एक साथ आती हैं तो विकास की रफ्तार कई गुना बढ़ जाती है. राकेश सिंह और उनकी टीम ने गति शक्ति के सिद्धांतों को जमीनी स्तर पर उतारकर एक आदर्श मॉडल प्रस्तुत किया है, जिससे अन्य राज्य भी प्रेरणा ले सकते हैं.”

मंत्री राकेश सिंह ने कहा की गतिशक्ति प्लेटफॉर्म के माध्यम से राज्य में सात नए ग्रीनफील्ड एलाइनमेंट भी चिन्हित किए गए हैं, जिन पर डीपीआर निर्माण का कार्य जारी है. अब सड़कें केवल जनसंख्या या यातायात के आधार पर नहीं, बल्कि भूमि, पर्यावरणीय संतुलन और भौगोलिक विविधता को ध्यान में रखकर तय की जा रही हैं. उन्होंने कहा कि गति शक्ति पोर्टल की मदद से अब बजट में दोहराव वाली सड़क परियोजनाओं की पहचान संभव हो पाई है. पीएम गतिशक्ति पोर्टल पर बजट के लिए प्रस्तावित सड़कों को मार्क करके न सिर्फ ड्यूप्लकैशन को पहचान जा सकता है बल्कि सड़क परियोजनाओं की स्वीकृति मे भौगोलिक संतुलन भी बेहतर रूप मे स्थापित किया जा सकता है.

मंत्री सिंह ने बताया की लोक निर्माण विभाग की लोक परियोजना प्रबंधन प्रणाली (LPPP) और रोड एसेट मैनेजमेंट सिस्टम (RAMS) को गति शक्ति पोर्टल से जोड़ा जा रहा है, जिससे किसी भी सड़क की निर्माण प्रगति और रखरखाव की स्थिति एक क्लिक पर देखी जा सकेगी. विभाग ने “लोकपथ मोबाइल ऐप” को भी गति शक्ति प्लेटफॉर्म से जोड़ने की प्रक्रिया शुरू की है, जिससे नागरिक सीधे अपनी शिकायतें दर्ज कर सकेंगे और उनका समाधान ऑनलाइन देख पाएंगे. इस ऐप से सड़क मरम्मत, गड्ढों की स्थिति और कार्य की प्रगति की जानकारी रियल टाइम में मिल सकेगी. अब विभाग में सड़क निर्माण की समयसीमा पारंपरिक तरीके से नहीं, बल्कि वैज्ञानिक विश्लेषण के आधार पर तय की जाएगी. पीएम गतिशक्ति प्लेटफॉर्म पर तैयार हो रहे विशेष मॉड्यूल का उपयोग कर मिट्टी, मौसम, स्थलाकृति और ऐतिहासिक डेटा के विश्लेषण से यह तय किया जाएगा कि किस इलाके में कौन सा कार्य कितने समय में पूरा किया जा सकता है. उन्होंने बताया कि विभाग ने अगस्त 2025 में 1632 इंजीनियरों को गति शक्ति प्लेटफॉर्म पर प्रशिक्षित किया है जिससे वे एलाइनमेंट निर्धारण, डिजाइनिंग और डीपीआर सत्यापन जैसे तकनीकी कार्यों में दक्ष बन सकें.

गुणवत्ता निगरानी में नया मॉडल — रैंडम इंस्पेक्शन से जवाबदेही बढ़ी

मंत्री राकेश सिंह ने बताया कि विभाग में निर्माण कार्यों की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए रैंडम इंस्पेक्शन सिस्टम लागू किया गया है. हर माह की 5 और 20 तारीख को मुख्य अभियंताओं की टीमें जिलों में जाकर निरीक्षण करती हैं और निरीक्षण स्थलों का चयन रैंडम सॉफ्टवेयर से होता है. इससे पारदर्शिता बढ़ी है और गुणवत्ता नियंत्रण मजबूत हुआ है. उन्होंने कहा कि गतिशक्ति पोर्टल की सहायता से अब इन निरीक्षणों और भी बेहतर और जवाबदेह बनाया जा रहा है. अपने संबोधन में राकेश सिंह ने प्रधानमंत्री मोदी, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और राज्य मंत्री जितिन प्रसाद का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनके मार्गदर्शन से Madhya Pradesh आज गति शक्ति के क्षेत्र में “लीडर स्टेट” के रूप में अपनी पहचान बना रहा है.

कार्यक्रम के अंत में “अनुभूति केंद्र” का भ्रमण कराया गया, जहाँ उपस्थित प्रतिनिधियों ने गति शक्ति पहल से जुड़ी अत्याधुनिक तकनीकों और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर प्रदर्शनी का अवलोकन किया.

(Udaipur Kiran) तोमर

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