New Delhi, 05 नवंबर (Udaipur Kiran) . दिल्ली सरकार के कला, संस्कृति एवं भाषा विभाग द्वारा आज ‘देव दीपावली उत्सव 2025’ का भव्य आयोजन वासुदेव घाट,कश्मीरी गेट पर किया गया.
इस अवसर पर यमुना जी की आरती और भजन संध्या का आयोजन हुआ जिसमें भारी संख्या में श्रद्धालुओं और दिल्लीवासियों ने भाग लिया. दीपों की रौशनी में नहाया वासुदेव घाट आस्था, श्रद्धा और सांस्कृतिक एकता का केंद्र बन गया.
इस वर्ष के उत्सव की थीम ‘एक दिया देवों के नाम’ रही, जो प्रकाश, भक्ति और सांस्कृतिक सद्भाव का प्रतीक बनी.
मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम में शामिल हुए कला, संस्कृति एवं भाषा विभाग के मंत्री कपिल मिश्रा ने मां यमुना जी की आरती की और उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि देव दीपावली उत्सव का यह आयोजन केवल दीपों का पर्व नहीं, बल्कि आस्था, श्रद्धा और सांस्कृतिक चेतना का प्रतीक है. यह शुरुआत है—दिल्ली अब हर त्योहार – हर उत्सव को उसी भव्यता और आत्मीयता के साथ मना रही है जैसी हमारे देश की परंपरा रही है. हमने तीज, नवरात्रि, दशहरा जैसे पर्वों को भी इसी भावना से मनाया है ताकि नई पीढ़ी हमारी परंपराओं से जुड़े और दिल्ली की पहचान केवल आधुनिकता नहीं, बल्कि संस्कृति से भी हो.
कपिल मिश्रा ने आगे कहा कि कुछ लोग आज यह कहकर भ्रम फैला रहे हैं कि हम यमुना को साफ नहीं कर रहे या कहीं और से पानी लाकर दिखावा कर रहे हैं. मैं उन्हें याद दिलाना चाहता हूं कि जब वो लोग सत्ता में थे, तब शराब की राजनीति में व्यस्त थे, यमुना के तट पर आने की फुरसत नहीं थी. अगर अरविंद केजरीवाल जी ने इन 11 वर्षों में 11 बार भी यमुना के तट पर कदम रखा होता तो शायद स्थिति इतनी दयनीय न होती. उन्होंने यह भी कहा कि आज जो लोग यमुना को लेकर सवाल उठा रहे हैं, वे स्वयं इस नदी की उपेक्षा के जिम्मेदार हैं. अब हमारी जिम्मेदारी है, और हम इसे पूरी निष्ठा से निभा रहे हैं. यमुना हमारी आस्था भी है और हमारी जिम्मेदारी भी. हम इसे स्वच्छ, निर्मल और पवित्र बनाने के लिए संकल्पित हैं. यही दिल्ली की असली संस्कृति है — जहां भक्ति और कर्तव्य एक साथ चलते हैं.
कपिल मिश्रा ने आगे कहा कि दिल्ली सरकार राजधानी की धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं को पुनर्जीवित करने के लिए निरंतर प्रयासरत है. ऐसे आयोजनों से न केवल आस्था को बल मिलता है, बल्कि समाज में एकता और सकारात्मकता का संदेश भी जाता है.
कार्यक्रम में भजन संध्या के दौरान सुप्रसिद्ध कलाकारों ने भक्तिमय प्रस्तुतियां दीं. “हर हर यमुने” के जयकारों से गूंजता पूरा घाट भक्ति और सौंदर्य का अद्भुत संगम बन गया. दीपों की ज्योति ने वासुदेव घाट को एक दिव्य और आध्यात्मिक स्वरूप प्रदान किया, जिससे यह उत्सव पूरे दिल्लीवासियों के लिए अविस्मरणीय बन गया.
वहीं करावल नगर विधानसभा क्षेत्र के सादतपुर में Uttarakhand की पृष्ठभूमि से जुड़े इगास पर्व के भव्य आयोजन मंत्री कपिल मिश्रा ने प्रतिभाग किया.
इस मौके पर उन्होंने कहा कि आप सभी को इस आस्था पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं. आज का दिन विशेष है — कार्तिक मास की पूर्णिमा, गुरु नानक देव जी का जन्मदिवस और देव दीपावली का पावन अवसर.
दिल्ली सरकार आज राजधानी के हर कोने में आस्था और संस्कृति के पर्वों को उसी भव्यता और श्रद्धा के साथ मना रही है, जिसकी परंपरा हमारे देश की पहचान है. पहली बार हिंदू नववर्ष, तीज महोत्सव, नवरात्रि के गरबा और डांडिया उत्सव तथा छठ पूजा जैसे कार्यक्रम दिल्ली सरकार द्वारा भव्य स्तर पर आयोजित किए गए हैं.
इस बार नजफगढ़, करावल नगर और अन्य क्षेत्रों में भी भक्ति और सांस्कृतिक एकता के ऐसे आयोजन हुए हैं, जहां Uttarakhand समाज और आस्थावान लोग बड़ी संख्या में रहते हैं. दिल्ली सरकार संकल्पित है कि राजधानी में कला और संस्कृति के माध्यम से हर समुदाय की परंपराओं को सम्मान और प्रोत्साहन दिया जाएगा.
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(Udaipur Kiran) / धीरेन्द्र यादव
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