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वन विभाग के अफसरों पर भड़के केन्द्रीय मंत्री शिवराज, कहा-सरकार की छवि बिगाड़ रहे अधिकार

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आदिवासियाें काे भराेसा दिलाया: कहा- मामा आपके साथ है

सीहोर, 28 जून (Udaipur Kiran) । मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को सीहोर में आदिवासी समुदाय की भावनाओं का साथ देते हुए वन विभाग के अधिकारियों पर बड़ा बयान दिया। उन्होंने साफ कहा कि कुछ अधिकारी सरकार की छवि खराब कर रहे हैं और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

दरअसल शिवराज सिंह चौहान शनिवार काे सीहोर कलेक्टर कार्यालय में आयोजित बैठक में शामिल होने पहुंचे थे। इसी दौरान बड़ी संख्या में आदिवासी ग्रामीण वहां पहुंचे और प्रस्तावित सरदार वल्लभभाई पटेल अभ्यारण्य का विरोध किया। उन्होंने कहा कि यह अभ्यारण्य हमारी पुरानी कृषि भूमि पर प्रस्तावित है, जिससे हजारों आदिवासी परिवारों की आजीविका पर संकट खड़ा हो जाएगा। आदिवासी समुदाय के लोगाें ने अभयारण्य को निरस्त करने की मांग की। जैसे ही केन्द्रीय मंत्री शिवराज काे इसकी जानकारी लगी वे तुरंत बैठक छोड़कर प्रदर्शनकारियों के बीच पहुंचे और मंच से उनकी मांगों का ज्ञापन लिया। शिवराज सिंह ने कहा कि किसी का हक नहीं छिनने दिया जाएगा। मैं तुम्हारे साथ हूं। आपके प्रतिनिधि मंडल के साथ मुख्यमंत्री मोहन यादव से मिलेंगे और उन्हें बताएंगे कि हमें कोई अभ्यारण की जरूरत नहीं हैं।

इस दाैरान केन्द्रीय मंत्री शिवराज ने वन विभाग के अधिकारियाें भड़कते हुए उन्हें चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि ये अफसर सब गड़बड़ करते हैं। वन विभाग के अधिकारी सरकार की छवि बिगड़ने की कोशिश कर रहे हैं। जमीन की शिकायत लेकर आए आदिवासियों से शिवराज सिंह ने कहा- मामा तुम्हारे साथ है। मैं फॉरेस्ट डिपार्टमेंट वालों से कहता हूं कि गलती न करें, ये किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

आदिवासियों का कहना है कि जिले में हमारे जनजाति समाज के लगभग 200 गांव में 2 लाख जनसंख्या रहती है। 30-35 सालों से जिन जमीनों पर वे खेती कर रहे हैं, उन्हें अब वन विभाग की टीम नई अतिक्रमण भूमि बताकर खाली कराने की कोशिश कर रही है। ग्रामीणों की मांग है कि वन अधिकार अधिनियम 2006 के तहत उन्हें वैधता दी जाए और वन अधिकार पत्र शीघ्र बनाए जाएं। ग्रामीणों का कहना है कि कुछ लोगों को वन अधिकार पत्र मिल चुके हैं, जबकि अधिकांश आवेदकों को अब तक अधिकार पत्र नहीं दिए गए हैं। ऐसे में वन विभाग और वन विकास निगम आए दिन 25 से 30 वर्ष पुरानी कृषि भूमि पर नया अतिक्रमण बताकर कार्रवाई कर रहा है। इसलिये मांग है कि प्रस्तावित सरदार वल्लभ भाई पटेल अभयारण्य को तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाए। वनमित्र पोर्टल पर लंबित आवेदनों के शीघ्र निराकरण की भी मांग उठाई गई।

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(Udaipur Kiran) / नेहा पांडे

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