नई दिल्ली, 09 जुलाई (Udaipur Kiran) । देश में बुधवार को 10 केंद्रीय श्रम संगठनों (ट्रेड यूनियनों) के राष्ट्रव्यापी हड़ताल के आह्वान का असर देशभर में देखने को मिल रहा है, जिससे बैंकिंग, डाक, बिजली और सार्वजनिक परिवहन समेत कई अन्य सेवाएं प्रभावित हुईं है। हालांकि, देशभर के किसी भी वाणिज्यिक बाजार पर कथित भारत बंद का कोई प्रभाव नहीं पड़ा है।
ट्रेड यूनियनों के इन 10 संगठनों के मंच ने दावा किया है कि अन्य मुद्दों के साथ-साथ नई श्रम संहिताओं के विरोध में 25 करोड़ श्रमिकों को ‘आम हड़ताल’ के लिए लामबंद किया जा रहा है। इस बीच अखिल भारतीय मजदूर संघ कांग्रेस की महासचिव अमरजीत कौर ने एक बयान में बताया कि बुधवार सुबह देशभर में आम हड़ताल शुरू होने के बाद पश्चिम बंगाल, केरल, झारखंड, कर्नाटक सहित अन्य राज्यों से हड़ताल की खबर और तस्वीरें मिली हैं।
अमरजीत कौर ने कहा कि राष्ट्रव्यापी हड़ताल से बैंकिंग, डाक और बिजली सेवाएं प्रभावित हुई हैं। इससे तांबा और कोयला खनन प्रभावित होगा, जबकि कई राज्यों में सार्वजनिक परिवहन पर भी इसका असर पड़ेगा। उन्होंने आगे कहा कि पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के किसान संघ भी अपने-अपने क्षेत्रों में विरोध प्रदर्शन करेंगे।
ट्रेड यूनियनों की प्रमुख मांगों में चार श्रम संहिताओं को खत्म करना, ठेकाकरण, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों का निजीकरण, न्यूनतम मजदूरी को बढ़ाकर 26 हजार रुपये प्रति माह करना, इसके साथ ही किसान संगठनों की मांगें शामिल हैं, जिनमें स्वामीनाथन आयोग के सी-2 प्लस 50 फीसदी के फार्मूले के आधार पर फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य और किसानों के लिए ऋण माफी शामिल हैं।
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(Udaipur Kiran) / प्रजेश शंकर
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