वाशिंगटन, 22 अप्रैल . दुनिया के प्रमुख प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में से एक हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन के खिलाफ सोमवार को संघीय न्यायालय में मुकदमा दायर किया है. हार्वर्ड की गिनती दुनिया के सबसे धनी विश्वविद्यालयों में होती है. यह मुकदमा उच्च शिक्षा और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच चल रही लड़ाई के एक बड़े विस्तार का संकेत देता है.
संयुक्त राज्य अमेरिका के सभी प्रमुख अखबारों में आज इस मुकदमे की चर्चा है. न्यूयॉर्क टाइम्स व अन्य समाचार पत्रों के अलावा हार्वर्ड विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों के अखबार ‘द हार्वर्ड क्रिमसन’ ने इस मुकदमे की विस्तार से जानकारी दी है. ‘द हार्वर्ड क्रिमसन’ के अनुसार, हार्वर्ड ने 2.2 बिलियन डॉलर के फंडिंग फ्रीज को लेकर ट्रंप प्रशासन पर मुकदमा दायर किया है. साथ ही व्हाइट हाउस पर ”हार्वर्ड को उसके संवैधानिक अधिकारों की रक्षा करने के लिए दंडित करने” के लिए मनमाना और असंवैधानिक अभियान चलाने का आरोप लगाया गया है. उल्लेखनीय है कि ट्रंप प्रशासन ने मुकदमा दायर करने से एक दिन पहले हार्वर्ड से संघीय अनुदान और अनुबंधों में एक और एक बिलियन डॉलर की कटौती करने की घोषणा की. यह पिछले सप्ताह घोषित 2.2 बिलियन डॉलर की मौजूदा कटौती के अतिरिक्त है.
संयुक्त राज्य अमेरिका की जिला अदालत में दायर की गई 51 पृष्ठ की शिकायत में 2.2 बिलियन डॉलर की रकम को फ्रीज करने से रोकने और फैसले को गैरकानूनी घोषित करने की मांग की गई है. शिकायत में कहा गया है, ”हम इस सच्चाई के लिए खड़े हैं कि देश भर के कॉलेज और विश्वविद्यालय अपने कानूनी दायित्वों को स्वीकार कर सकते हैं और उनका सम्मान कर सकते हैं और अनुचित सरकारी हस्तक्षेप के बिना समाज में अपनी आवश्यक भूमिका को सर्वोत्तम तरीके से पूरा कर सकते हैं.” हार्वर्ड विश्वविद्यालय के अध्यक्ष एलन एम. गार्बर ’76 ने सोमवार दोपहर अपने सहयोगियों को एक संदेश में इस मुकदमे की जानकारी दी.
विश्वविद्यालय ने संघीय एजेंसियों पर नागरिक अधिकार अधिनियम के शीर्षक छह के तहत कानूनी रूप से आवश्यक प्रक्रियाओं को दरकिनार करने का भी आरोप लगाया है.
गार्बर का आरोप है कि ट्रंप प्रशासन ने कैंपस में यहूदी विरोधी भावना की चिंताओं को बहाने यह सब किया है. किसी भी तरह की दंडात्मक कार्रवाई करने से पहले कानून का पालन जरूरी है. गार्बर ने अपने संदेश में यहूदी विरोधी भावना और इस्लामोफोबिया से निपटने पर दो राष्ट्रपति कार्य बलों की लंबे समय से प्रतीक्षित अंतिम रिपोर्ट जल्द जारी करने का भी वादा किया है.
अदालत में हार्वर्ड का प्रतिनिधित्व रॉबर्ट के. हूर ’95 और विलियम ए. बर्क करेंगे. दोनों ही वकील राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से गहरे संबंध रखते हैं. हूर को ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल में यूनाइटेड स्टेट्स डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस में नियुक्त किया था. बर्क ने ट्रंप ऑर्गनाइजेशन के लिए वकील के रूप में काम किया है. मुकदमे के अनुसार, रोप्स एंड ग्रे और लेहटोस्की केलर कोहन लॉ फर्म से जुड़े वकील भी हार्वर्ड का प्रतिनिधित्व करेंगे.
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/ मुकुंद
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