Next Story
Newszop

मतदाता सूची की विशेष पुनरीक्षण प्रक्रिया को असम भाजपा का समर्थन

Send Push

गुवाहाटी, 14 जुलाई (Udaipur Kiran) । असम प्रदेश भारतीय जनता पार्टी ने एक बयान के जरिए पूरे देश में चल रहे मतदाता सूची के यानी विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान को पूर्ण समर्थन देने की घोषणा की है। यह अभियान बिहार सहित अन्य राज्यों में चुनाव आयोग द्वारा चलाया जा रहा है। पार्टी ने चुनाव आयोग को इस महत्वपूर्ण पहल के लिए धन्यवाद् दिया है।

भाजपा ने कहा कि बिहार में मतदाता आंकड़े एकत्र करने के दौरान यह चौंकाने वाला तथ्य सामने आया कि वहां की मतदाता सूची में पड़ोसी देशों—बांग्लादेश, नेपाल और म्यांमार—के हजारों नागरिक अवैध रूप से शामिल पाए गए। इनमें अधिकांश अवैध प्रवासी मज़दूरी करने वाले हैं, जिन्होंने कथित रूप से वर्षों से राजनीतिक संरक्षण के जरिए खुद को मतदाता सूची में दर्ज करवाया।

भाजपा ने बताया कि जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 21 और संविधान के अनुच्छेद 324 के तहत चुनाव आयोग को मतदाता सूची को संशोधित और विशेष पुनरीक्षण करने का अधिकार प्राप्त है। पहले भी देश के विभिन्न हिस्सों में वर्षों 1952, 1956, 1957, 1961, 1965, 1966, 1983, 1987, 1989, 1992, 1993, 1995, 2002, 2003 और 2004 में इसी तरह के विशेष पुनरीक्षण किए जा चुके हैं। बिहार में 2003 में ऐसा ही विशेष पुनरीक्षण हुआ था।

भाजपा ने कहा कि इस प्रक्रिया से अवैध प्रविष्टियों को हटाने, नए पात्र मतदाताओं को जोड़ने और लोकतंत्र की जड़ों को सशक्त करने में मदद मिलती है।

इस बयान में कांग्रेस पार्टी की आलोचना करते हुए भाजपा ने कहा कि कांग्रेस इस संवैधानिक प्रक्रिया का विरोध कर रही है। पार्टी ने कांग्रेस के दोहरे रवैये की ओर इशारा करते हुए कहा कि 2022 में कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने सुप्रीम कोर्ट में आधार को वोटर आईडी से लिंक करने के खिलाफ याचिका दायर की थी, जबकि अब वही कांग्रेस आधार को नामांकन के लिए मान्य दस्तावेज बनाने की मांग कर रही है।

भाजपा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने वर्षों तक बांग्लादेशी मुस्लिम अवैध मतदाताओं के सहारे चुनाव लड़ा और अब जब ये अवैध नाम हटाए जा रहे हैं, तो कांग्रेस को अपने वोटबैंक के खत्म होने का डर सता रहा है। वहीं, कांग्रेस सरकार ने अपने शासनकाल में लाखों गोरखा और स्वदेशी समुदायों के लोगों को डी-वोटर घोषित कर उनके मतदान अधिकार छीन लिए थे।

भाजपा ने बताया कि मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा के नेतृत्व में राज्य सरकार ने डी-वोटर टैग हटाकर उन असली भारतीय नागरिकों के मतदान अधिकार बहाल किए हैं। ऐसे में कांग्रेस द्वारा मतदाता सूची में किए गए कथित हेरफेर को उजागर करने और उन्हें हटाने के लिए असम में बिहार की तरह विशेष पुनरीक्षण अभियान की और अधिक आवश्यकता है।

(Udaipur Kiran) / श्रीप्रकाश

Loving Newspoint? Download the app now