हिसार, 17 जुलाई (Udaipur Kiran) । शहर के होनहार छात्र समीर ने आईपीएमएटी और जेआईपीएमएटी की परीक्षाओं में सफलता प्राप्त कर आईआईएम में प्रवेश प्राप्त किया। समीर ने आईपीएमएटी के द्वारा सारे आईआईएम रोहतक, इंदौर, बोधगया, रांची एवं जम्मू में प्रवेश परीक्षा पास कर पूरे प्रदेश का नाम रोशन किया है।
सेंट कबीर स्कूल से अपनी स्कूली शिक्षा प्राप्त कर समीर ने हिसार स्थित क्रॉस एंड क्लाईंब एकेडमी में आईपीएमएटी की तैयारी करने के लिए कोचिंग ली, जहां अशोक हुड्डा (सीईओ) के मार्गदर्शन में अनुभवी शिक्षकों के निर्देशों के द्वारा यह सफलता संभव हो सकी। आईपीएमएटी (इंटेग्रेटिड प्रोग्राम इन मैनेजमेंट एप्टीट्यूड टेस्ट) के द्वारा 12वीं के बाद किसी भी स्ट्रीम के छात्र आईआईएम में 5 वर्षीय इंटेग्रेटिड एमबीए प्रोग्राम में दाखिला ले सकते है। आज के परिदृश्य में आईपीएमएटी एक बेहतर उभरता हुआ करिअर ऑप्शन है। इसके द्वारा आईआईएम रोहतक, इंदौर, बोध गया, रांची एवं जम्मू में प्रवेश प्राप्त किया जा सकता है।
अभी तक छात्रों के लिए यही पांच आईआईएम थे, पर अब कोझिकोड, तिलोग, सिरमोर, संभलपुर एवं अमृतसर नए विकल्प बन गए हैं जबकि आईआईएम बैंगलुरू ने चार वर्षीय यूजी प्रोग्राम की शुरुआत कर दी है। विशेषज्ञों का मानना है कि आईपीएमएटी पारंपरिक एमबीए प्रवेश परीक्षा सीएटी का एक बेहतर विकल्प बन सकता है, क्योंकि इसके माध्यम से 12वीं के बाद सीधे आईआईएम में प्रवेश ले सकते हैं।अध्यापक अशोक ने गुरुवार काे बताया कि आईपीएमएटी छात्रों के लिए एक सुनहरा अवसर है। उन्होंने यह भी बताया कि एक समय ऐसा भी था कि जब आईआईएम में बड़े महानगरों के छात्र ही जागरूक थे, पर अब धीरे-धीरे छोटे नगरों व ग्रामीण क्षेत्रों के छात्र-छात्राओं में आईपीएमएटी के द्वारा आईआईएम में प्रवेश पाने के लिए जागरूकता बढ़ रही है।
समीर ही नहीं बल्कि क्रॉस एंड क्लाइंब के अन्य छात्र-छात्राओं जैसे अनिरुद्ध ने आईआईएम अमृतसर, सिमरन ने आईआईएम कोझिकोड एवं करूणा ने टीएपीएमआई के लिए साक्षात्कार दिया। क्रॉस एंड क्लाइंब विगत कई वर्षों से क्लैट एवं सीयूईटी प्रवेश परीक्षाओं में दाखिला दिलाने के लिए अग्रणी इंस्टीट्यूट के रूप में जाना जाता है, परंतु आज के समय में आईपीएमएटी में प्रवेश पाने के लिए क्रॉस एंड क्लाइंब एक उभरता हुआ बेहतर विकल्प है, जिसके द्वारा अनेक छात्र-छात्राओं ने आईआईएम में प्रवेश पाने का सपना साकार किया। समीर ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता एवं क्रॉस एंड क्लाइंब को दिया। इसके साथ ही उसने अपने व्यक्तित्व को उभारने में अध्यापक अशोक हुडड़ा का आभार व्यक्त किया।
(Udaipur Kiran) / राजेश्वर
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