गौतम बुद्ध नगर, 24 सितंबर (Udaipur Kiran News) . देश के दूसरे राज्यों में रजिस्टर्ड 400 से अधिक डॉक्टर अब गौतमबुद्ध नगर जिले में काम नहीं कर पाएंगे. स्वास्थ्य विभाग ने इनके प्रैक्टिस करने पर रोक लगा दी है. स्वास्थ्य विभाग ने इसके लिए अस्पतालों और डॉक्टरों को लिखित नोटिस जारी करनी शुरू कर दी हैं.
स्वास्थ्य विभाग द्वारा इस बारे में पहले भी अस्पतालों और डॉक्टरों को निर्देशित किया गया था, लेकिन डॉक्टरों ने यूपी मेडिकल काउंसिल में अपना रजिस्ट्रेशन नहीं कराया. गौतमबुद्ध नगर जिले में 2000 से अधिक डॉक्टर अलग-अलग अस्पतालों, नर्सिंग होम और क्लीनिक आदि मेडिकल संस्थानों में कार्यरत हैं. इनमें से 400 से अधिक डॉक्टरों ने Uttar Pradesh मेडिकल काउंसिल में अपने रजिस्ट्रेशन नहीं कराए हैं.
उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. चंदन सोनी ने बताया कि यूपी मेडिकल काउंसिल से रजिस्ट्रेशन नहीं कराने वाले डॉक्टरों की प्रैक्टिस पर रोक लगा दी गई है. दूसरे राज्यों में रजिस्टर्ड डॉक्टर अब अगर यहां प्रैक्टिस करते मिलते हैं तो उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग लोगों को सहूलियत और स्वास्थ्य सेवाएं त्वरित उपलब्ध कराने के उद्देश्य से ग्रामीण क्षेत्रों में 90 नई आशा वर्कर्स को नियुक्त करेगा. इससे स्वास्थ्य सेवाएं और भी बेहतर होंगी. सबसे अधिक 50 आशा वर्कर्स की नियुक्ति दादरी में होनी है. स्वास्थ्य विभाग के ज्यादातर स्वास्थ्य कार्यक्रमों के संचालन और सर्वे आदि कार्यों में आशा की अहम भूमिका है. ऐसे में 90 नई आशा की नियुक्ति से इसे और भी बेहतर होने की उम्मीद है. ग्रामीण क्षेत्र में वर्तमान में 590 आशा हैं. नई आशा वर्कर्स की नियुक्ति के बाद यह संख्या बढ़कर 680 हो जाएगी. दादरी के अलावा बिसरख में नौ, दनकौर में 25 और जेवर में छह आशा वर्कर्स की नियुक्ति होगी.
(Udaipur Kiran) / सुरेश चौधरी
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