श्योपुर, 27 जुलाई (Udaipur Kiran) । सरकारी स्कूल भवनों की क्या दुर्दशा हो रही है, इसकी सारी हकीकत दो दिन पहले राजस्थान के झालावाड़ जिले में स्कूल भवन की छत गिरने के बाद सामने आ गई है। इसी तरह मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले में भी सरकारी स्कूलों के जर्जर भवनों में बैठकर हजारों छात्र-छात्राएं रोज जीवन संघर्ष करते हैं। लेकिन विडंबना की बात यह है कि क्या यह स्कूल भवन एक ही दिन में दरक गये, या फिर इन्हें कभी देखा ही नहीं गया। कई स्कूल प्रबंधनों ने जर्जर स्कूल भवनों के जीर्णोद्धार के प्रयास भी किये, लेकिन उनके मांग पत्रों को रद्दी का टुकड़ा समझकर किसी डस्टबीन में डाल दिया गया। वर्षों पुराने जर्जर और पूरी तरह से कंडम हो चुके स्कूल भवनों में बैठाकर बच्चों के जीवन के साथ प्रतिदिन खिलवाड़ किया जा रहा है, लेकिन इसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है।
रघुनाथपुर क्षेत्र के विद्यालयों की स्थितिः-
प्राथमिक विद्यालय रघुनाथपुर का स्कूल भवन जगह-जगह से जीर्ण-शीर्ण हो चुका है। छत का प्लास्टर झड़ चुका है। यहां एक ही विद्यालय भवन में प्राथमिक और माध्यमिक स्कूल संचालित होता है। दोनों पालियों में करीब 500 बच्चे जर्जर स्कूल भवन में बैठकर पढाई करते हैं। शासकीय प्राथमिक विद्यालय दौलपुरा में 42 बच्चे अध्ययन करते हैं। विद्यालय भवन की स्थिति यह है कि भवन की छत का प्लास्टर गिर चुका है। छत के सरिये साफ दिखाई दे रहे हैं। भवन मरम्मत के लिये डीपीसी को पत्र लिखे जा चुके हैं, लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया गया।
कन्या प्राथमिक विद्यालय रघुनाथपुर जर्जर हो चुका है। यहां 200 छात्राऐं अध्ययन करती हैं। जिन्हें हर समय जर्जर भवन से खतरा है। शासकीय प्राथमिक विद्यालय सुमरेरा में 167 बच्चे पढ़ते हैं जो की 20 वर्षों से ग्राम पंचायत के भवन में ही संचालित हो रहा है। 15 वर्षों पूर्व स्कूल भवन बनाया गया, लेकिन स्कूल भवन जीर्ण-शीर्ण हो चुका है, जो बैठने लायक भी नहीं है। इसके अतिरिक्त शाप्रावि डोकर और जमुर्दी में स्कूल पेड़ के नीचे विद्यालय लगता है, जहां आधा सैकड़ा बच्चे पेड़ के नीचे बैठकर पढाई करते हैं। इसके अतिरिक्त कई ऐसे स्कूल भवन जहां दीवारें दकर चुकी हैं, छतों से बरसात का पानी गिरता है।
विजयपुर क्षेत्र के विद्यालयों की स्थितिः-
खण्ड शिक्षा केन्द्र विजयपुर के अन्तर्गत चींटीखेड़ा पंचायत के शासकीय प्राथमिक विद्यालय भवन दंगपुरा के निर्माण हाल ही में हुआ है, लेकिन अभी से विद्यालय भवन की हालत दयनीय है। भवन के पिलरों में दरारें आ चुकी हैं। स्कूली बच्चे मारे डर के भवन में न बैठकर बाहर पेड के नीचे बैठकर पढाई करते हैं। वहीं शासकीय प्राथमिक विद्यालय हुल्लपुर के स्कूल भवन की हालत बहुत ही अधिक जीर्ण-शीर्ण हो चुकी है। विद्यालय भवन के बरामदे की छत झूल चुकी है, जो किसी भी समय गिर सकती है। विद्यालय के प्राचार्य का कहना है कि उनके द्वारा नवीन भवन निर्माण के लिये पत्र लिखे जा चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई है।
शिक्षक ने स्कूल मरम्मत के लिये अभिभावकों के नाम लिखी चिट्ठी
राजस्थान के झालावाड़ में स्कूल भवन की छत गिरने से हुए हादसे के बाद सोशल मीडिया प्लेटफार्म भी गरमाता हुआ नजर आया। लोग दिन भर जर्जर स्कूल भवनों की पोस्ट शेयर करते रहे। इसी बीच शासकीय हाई स्कूल राडेप में पदस्थ शिक्षक जगदीश सिंह ने एक चिट्ठी अभिभावकों के नाम लिखते हुए जिला प्रशासन का ध्यान आकर्षण करने का प्रयास किया है। शिक्षक की चिट्ठी में उल्लेख है कि स्कूल भवन 100 वर्षों से भी अधिक पुराना होकर जर्जर हो चुका है। बारिश के समय स्कूल भवन की छत से पानी टपकता है। बारिश के दौरान न चाहते हुए भी स्कूल की छुट्टी करनी पड़ती है। वरिष्ठ अधिकारियों को कई बार अवगत कराने के बाद भी मरम्मत के लिए राशि स्वीकृत नहीं की गई है। शिक्षक ने अभिभावकों से स्कूल भवन की मरम्मत के लिए प्रशासन से मांग करने की बात कही है।
युवक के पोस्ट डालने के तीन घंटे बाद हटाया
सरकारी स्कूल का अनुपयोगी गेट
शनिवार को सोशल मीडिया फेसबुक पर श्योपुर के स्थानीय निवासी पवन नाईवाल ने पाली रोड स्थित शाप्रावि चंबल कॉलोनी की एक वीडियो शेयर की। वीडियो में स्कूल भवन का दो पाईपों के सहारे खडा हुआ दरवाजा दिखाई दे रहा था, जिसके आस-पास की बाउंड्रीबाल गायब थी। युवक के पोस्ट डालने के करीब 3 घंटे बाद ही विद्यालय के शिक्षकों ने मजदूरों के माध्यम से इस अनुपयोगी दरवाजे को हटा दिया। युवक का यह वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ।
रघुनाथपुर के कन्या विद्यालय की छत से निकल आये सरिये। विजयपुर में जर्जर स्कूल भवन के कारण पेड के नीचे बैठकर पढाई करते हुए बच्चे। शिक्षक द्वारा अभिभावकों के नाम लिखी गई चिट्ठी। युवक द्वारा शाप्रावि चंबल कॉलोनी के अनुपयोगी दरवाजे के साथ शेयर की गई तस्वीर।
हिन्दुस्थान समाचार/सुरेश
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(Udaipur Kiran) / राजू विश्वकर्मा
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