काठमांडू, 31 अगस्त (Udaipur Kiran) । चीन का विदेश मंत्रालय नेपाली क्षेत्र लिपुलेख के माध्यम से व्यापार को फिर से खोलने के भारत-चीन समझौते पर चुप है।
तियांजिन में शनिवार को प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच द्विपक्षीय बैठक के संबंध में चीनी विदेश मंत्रालय द्वारा जारी बयान में इस मुद्दे पर कुछ भी उल्लेख नहीं किया गया है।
चीन के राष्ट्रपति सी जिनपिंग से मुलाकात को लेकर नेपाल के विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि नेपाल के प्रधान मंत्री ओली ने सन 1816 की सुगौली संधि के अनुसार, महाकाली नदी के पूर्व में सभी भूमि संप्रभु नेपाल की है, और विश्वास व्यक्त किया कि चीन इस मामले में नेपाल का समर्थन करेगा।
नेपाली पक्ष ने यह भी दावा किया था कि इसके जवाब में, चीनी राष्ट्रपति शी ने कहा कि चीन नेपाल और भारत के बीच सीमा विवाद का पक्ष नहीं बनना चाहता है, लेकिन चीनी विदेश मंत्रालय द्वारा जारी बयान में इसका उल्लेख नहीं किया गया है।
इसके बजाय, चीन के विदेश मंत्रालय द्वारा जारी वक्तव्य में कहा गया है कि नेपाल एक-चीन नीति के लिए प्रतिबद्ध है, ताइवान की स्वतंत्रता का दृढ़ता से विरोध करता है, और चीन द्वारा प्रस्तुत वैश्विक सुरक्षा पहल (जी. एस. आई.) का समर्थन करता है।
चीनी विदेश मंत्रालय के बयान में नेपाल के द्वारा एक-चीन सिद्धांत के प्रति प्रतिबद्ध है, दृढ़ता से ताइवान स्वतंत्रता का विरोध करता है, और किसी भी बल को चीन के हितों को कमजोर करने के लिए अपने क्षेत्र का उपयोग करने की अनुमति नहीं देता है।
चीन के वक्तव्य में नेपाल को निरंतर विकास प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है और बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव के संदर्भ में चीन के साथ सहयोग को गहरा करने की उम्मीद करता है। बयान में कहा गया ही हम व्यापार, निवेश, कृषि, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, पर्यटन, जलवायु प्रतिक्रिया और अन्य क्षेत्रों में चीन के साथ सहयोग बढ़ाएंगे और अधिक सकारात्मक परिणाम देंगे।
बयान में आगे कहा गया है, नेपाल वैश्विक विकास पहल, वैश्विक सुरक्षा पहल और चीन द्वारा प्रस्तावित वैश्विक सभ्यता पहल का समर्थन करता है, शंघाई सहयोग संगठन की भूमिका को महत्व देता है, सक्रिय रूप से शंघाई आत्मा को बनाए रखता है, और चीन के अंतर्राष्ट्रीय मामलों में और भी बड़ी भूमिका निभाने की उम्मीद करता है।
इस पूरे बयान में कहीं भी लिपुलेक का जिक्र नहीं किया गया है। ना ही प्रधानमंत्री ओली के द्वारा भारत चीन के बीच हुए समझौता की कोई बात कही गई है। चीन ने इस मामले पर चुप्पी साध ली है। चीन के विदेश मंत्रालय के द्वारा जारी बयान का लिंक
https://www.fmprc.gov.cn/eng/xw/zyxw/202508/t20250830_11698944.html?s=09
—————
(Udaipur Kiran) / पंकज दास
You may also like
Travel Tips: आप भी जा सकते हैं अभी घूमने के लिए देश के इन नेशनल पार्क में, मिलेगा इतना कुछ की हो जाएंगे...
केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने ट्रंप के 'डेड इकोनॉमी' वाले बयान पर किया पलटवार
नो हेलमेट, नो फ्यूल : गौतमबुद्ध नगर में एक माह का सड़क सुरक्षा अभियान शुरू
Box Office Collection: तीन दिनों में ही फिल्म परम सुंदरी ने कर लिया है इतने करोड़ का बिजनेस
UAE vs AFG T20I Prediction: यूएई बनाम अफगानिस्तान! यहां देखें संभावित XI, पिच रिपोर्ट और लाइव स्ट्रीमिंग से जुड़ी सभी जानकारी