दुमका, 5 नवंबर (Udaipur Kiran) . कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर देवाधिदेव महादेव की नगरी बासुकीनाथ धाम में श्रद्धालुओं का सैलाब बुधवार को उमड़ा. सुबह ब्रह्म मुहूर्त की बेला से ही शिवभक्तों की टोली शिवगंगा में आस्था की डुबकी लगाते देखे गए. बड़ी संख्या में पुरुष और महिला श्रद्धालु बोल बम का जयकारा लगाते मंदिर परिसर की ओर जलाभिषेक के लिए लाइन में खड़े नजर आए.
इस अवसर पर भाजपा सांसद ढुलू महतो ने सपरिवार बाबा बासुकीनाथ का पूजा अर्चना की. इसके बाद मंदिर परिसर में भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती आरती उतार कर फौजदारी नाथ से आशीर्वाद मांगा. श्रद्धालुओं को सुगमतापूर्वक पूजा कराने के लिए संस्कार मंडप होते हुए मंदिर में प्रवेश कराया जा रहा था. भीड़ को नियंत्रित और विधि व्यवस्था बनाए रखने के लिए मंदिर प्रबंधन की ओर से तमाम एहतियाती इंतजाम किए गए थे. श्रद्धालुओं के सहयोग के लिए पुलिस बल मुस्तैद रहे. Assamाजिक तत्व और पॉकेटमारों पर सीसीटीवी कैमरे की नजर थी. श्रद्धालुओं की सुविधाओं के लिए मंदिर में मेडिकल टीम की तैनाती की गई थी. दिन भर देवनगरी में भक्ति की अविरल धारा बहती रही. दिन भर मंदिर प्रांगण में चारों तरफ पूजा पाठ एवं कथा श्रवण का कार्यक्रम चलता रहा. यजमान अपने पारिवारिक सुख शांति के लिए विशेष प्रकार के धार्मिक अनुष्ठान करते दिखे. धार्मिक और पौराणिक मान्यताओं के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा के दिन स्नान दान पूजा पाठ यज्ञ और हवन करने की परंपरा अनादि काल से चली आ रही है. इन धार्मिक कर्मों से मनुष्य के सांसारिक पापों का नाश होता है.
पंडित हरिओम उपाध्याय की माने तो इस दिन अन्न, धन और वस्त्र दान का विशेष महत्व है. श्रद्धालु को किए गए दान का कई गुना लाभ मिलता है जो मृत्यु के बाद उन्हें स्वर्ग में प्राप्त होता है. कार्तिक पूर्णिमा को त्रिपुरी पूर्णिमा भी कहा जाता है. इसी दिन भगवान भोलेनाथ त्रिपुरासुर का वध कर त्रिपुरारी के रूप में जाने गए. कार्तिक पूर्णिमा को धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष प्रदान करने वाला भी बताया गया है.
वहीं देर शाम मंदिर का पट बंद होने तक 80 हजार से अधिक श्रद्धालु बाबा को जल चढ़ा चुके थे.
—————
(Udaipur Kiran) / नीरज कुमार
You may also like

दिल्ली से वृंदावन तक सनातन हिंदू एकता पदयात्रा शुक्रवार को होगी शुरू: आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री

ऑनलाइन अवैध हथियार और सेक्स डॉल्स बेच रही थी कंपनी, सरकार ने लिया बड़ा फैसला!

भोपाल में 7 नवंबर को एसआईआर पर चुनाव आयोग के साथ वाम और धर्मनिरपेक्ष दलों की होगी चर्चा

India Oil Imports: भारत में बहुत बड़ा बदलाव करेगी इस महीने आ रही यह तारीख, सरकार की क्यों बढ़ी टेंशन?

दिल्ली का दम घुट रहा है, आपकी सांसों का क्या? जानिए क्यों ज़हरीली हवा में जीने को हैं मजबूर




