झज्जर, 17 जुलाई (Udaipur Kiran) । पिछले कई दिनों से हो रही बरसात से जिला के गांव चढ़वाना में सैंकड़ों एकड़ फसल पानी में डूब गई। किसानों के खेतों में दो से चार फुट तक बरसाती पानी खड़ा है और इसके निकलने के दूर-दूर तक भी कोई आसार नजर नहीं आ रहे। किसानों का यह भी कहना है कि ऐसा नहीं है कि उनके गांव में पहली बार ऐसा हुआ हो, हर बार उनके यहां गांव में जलभराव से खेतों में खड़ी फसल बर्बाद हो जाती है, लेकिन शासन और प्रशासन की तरफ से कोई भी स्थायी समाधान इस बारे में नहीं किया जा रहा। कुल मिलाकर किसानों ने उनके गांव में बाढ़ जैसी विभिषिका के ल प्रशासन को जिम्मेवार ठहराया है। किसान अपने संसाधनों से ही खेतों में जमा पानी को निकालने का प्रयास कर रहे हैं ताकि उनकी बर्बादी के कगार पर खड़ी फसल को बचाया जा सके।
गांव चढ़वाना के किसान महेन्द्र सिंह ने गुरुवार को कहा कि उनके गांव में हर साल बाढ़ की वजह से फसलें खराब हो जाती है। जिसके लिए प्रशासन जिम्मेवार है। प्रशासन ने आश्वासन दिया था कि ट्यूबवेल लगाकर जलस्तर को नीचा करेंगे, लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ। उन्होंने उनकी धान और बाजरे की दो सौ एकड़ फसल बरसाती पानी की वजह से खराब होने की बात कही है। उन्होंने कहा कि उनके गांव की बदहाल स्थिति का जायजा लेने के लिए कोई अधिकारी भी यहां नहीं आता। किसान रोहताश ने भी जलभराव से उसकी फसल खराब होने की बात कही है।
रोहताश का कहना है कि उसने 25 हजार रूपये प्रति एकड़ पर कई एकड़ जमीन बुआई के लिए ले रखी है, लेकिन बरसाती पानी की वजह से उसके द्वारा बोई गई सारी की सारी फसल खराब हो गई। किसान अमृत कहना है कि उसने साढे़ पांच एकड़ जमीन बुआई के लिए ली हुई थी। उसमें उसने धान लगा रखा था। लेकिन जलभराव की वजह से सारी फसल खराब हो गई। उन्होंने कहा कि धान की रोपाई के लिए उसका 15 हजार रूपये प्रति एकड़ से भी ज्यादा खर्च आ चुका है। लेकिन उसे लगता है कि इस बार उसे काफी नुकसान होगा। किसान अवतार सिंह ने कहा कि जलभराव की वजह से उसकी फसल पूरी तरह डूब चुकी है।
धान की प्रति एकड़ फसल पर बीस हजार रूपये से भी ज्यादा खर्च आ चुका है। उन्होंने सरकार से फसलों की उचित गिरदावरी करा कर उन्हें मुआवजा देने की मांग की है। अन्य किसानों ने भी जलभराव से किसानों को नुकसान होने की बात कही है और किसानों को मुआवजा दिए जाने की मांग सरकार से रखी है।
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(Udaipur Kiran) / शील भारद्वाज
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