मंडी, 01 जुलाई (Udaipur Kiran) । मंडी जिला में बारिश का कहरजारी है। जिसके चलते अब तक प्राप्त सूचना के अनुसार जिला में चार लोगों की मौत हो गई है। जबकि 16 से अधिक लोग लापता बताए जा रहे हैं।
एक शव बरामद
जून की आखिरी रात और जुलाई की पहली सुबह हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के लिए कहर बन कर टूटी। आधी रात के बाद जगह जगह फटे बादलों व भयंकर मूसलाधार बारिश ने इतना कहर मचाया कि अभी तक मिली सूचनाओं के अनुसार 16 से अधिक लोग मलबे या पानी के साथ बह गए जिनका कोई अता पता नहीं है। जबकि एक शव बरामद हो गया है। विभिन्न बचाव दलों जिनमें पुलिस,प्रशासन, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, होम गार्ड, नगर निगम व स्थानीय पंचायतों के प्रतिनिधि शामिल हैं, ने जगह जगह फंसे 99 से अधिक लोगों को निकाल कर सुरक्षित जगह पर पहुंचाया है। सबसे अधिक कहर जिले के गोहर उपमंडल में बरपा है जहां गांव बागा व पंगलियूर जो सराज व नाचन हल्के के गांव हैं में बाढ़ में घरों के बह जाने से 9 लोग लापता बताए जा रहे हैं।एक मां बेटी को सुरक्षित बचा लिया गया है, गांव बाड़ा के दो लोगों के शव बरामद कर लिए हैं। जबकि यहां पर 6 लोगों को बचा लिया गया है। बस्सी में 2 लोगों को मौत के मुंह से निकाला गया है जबकि तलाड़ा में एक ही परिवार के 3 लोग लापता हैं जबकि एक लड़की बालिका को सुरक्षित निकाल लिया गया है।
जिले के करसोग में बादल फटने से कुट्टी में एनडीआरएफ के जवानों ने 7 लोगों को सुरक्षित निकाला है जबकि पुराना बाजार करसोग से 4 लोग यहां लापता हैं, एक शव यहां पर मिला है , 7 लोगों को बचा लिया गया है, 12 विद्यार्थियों व 4 महिलाओं को बाढ़ की चपेट में आए करसोग डिग्री कालेज भवन से निकाल कर सुरक्षित जगह पर पहुंचाया गया है।
मंडी शहर के पुरानी मंडी इंदिरा आवास कालोनी में ब्यास नदी की बाढ़ की जद में आए दर्जनों लोगों को ब्यास सदन में शिफ्ट किया गया है जबकि रघुनाथ का पधर से 11 लोगों को बाहर निकाला गया। पंडोह बाजार में पानी घुसने की आशंका से रात को ही लोगों को घरों से निकाल लिया गया। आधी रात से लोग सड़कों पर ही डटे रहे। जिले के धर्मपुर में एक गांव तरयामला स्याठी लोंगणी गांव धंस गया तथा कई घर व गोशालाएं जमींदोज हो गए। दस बकरियों, 15 खच्चरों व एक गाय सहित 26 मवेशी यहां पर जिंदा दफन हो गए हैं। धर्मपुर के भडारना गांव में भी भारी तबाही हुई है तथा यहां पर 4 घर व 3 गोशालाएं ध्वस्त हो गई। एनएच 305 औट लुहरी पर मंगलौर में बने पुल का डंगा क्षतिग्रस्त हो गया है जिससे यातायात बंद हो गया है।
इधर, मंडी कुल्लू नेशनल हाइवे पर थलौट में बनी टनल नंबर 11 व 13 के दोनों ओर भारी भूसख्लन के कारण बड़ी संख्या में पर्यटक व वाहन चालक इसके अंदर रात भर फंसे रहे। इन्हें टनल के अंदर ही भोजन पानी पहुंचाने की व्यवस्था की गई। बाखली खड्ड पर कुकलाह व बाखली में बने दो पुल बह गए। 16 मेगावाट की पटीकरी परियोजना बाढ़ से तबाह हो गई। मंडी शहर के कालेज रोड़, जेल रोड़ , पैलेस, मट्ट समेत जगह जगह भारी तबाही हुई है। कांढापतन का पुल भी बह गया है।
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(Udaipur Kiran) / मुरारी शर्मा
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