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हीट वेव में अस्थमा का खतरा? फेफड़ों को ऐसे रखें सुरक्षित!

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गर्मियों का मौसम अपनी चिलचिलाती धूप और हीट वेव के साथ कई स्वास्थ्य चुनौतियां लाता है, खासकर अस्थमा रोगियों के लिए। विशेषज्ञों का कहना है कि बढ़ता तापमान और वायु प्रदूषण अस्थमा के लक्षणों को और गंभीर बना सकते हैं। लेकिन सही सावधानियों के साथ आप अपने फेफड़ों को सुरक्षित रख सकते हैं। आइए जानें कि हीट वेव अस्थमा को कैसे प्रभावित करती है और गर्मियों में फेफड़ों की देखभाल कैसे करें!

हीट वेव और अस्थमा का कनेक्शन

हीट वेव के दौरान हवा में नमी और प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है, जो फेफड़ों को नुकसान पहुंचाता है। उच्च तापमान और धूल-मिट्टी अस्थमा के मरीजों में सांस लेने में तकलीफ, खांसी और सीने में जकड़न जैसे लक्षणों को ट्रिगर कर सकते हैं। विशेषज्ञ बताते हैं कि गर्मी में डिहाइड्रेशन भी एक बड़ा कारण है, क्योंकि यह श्वसन नलियों को सूखा बनाता है, जिससे अस्थमा का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ता है। वायु प्रदूषण, जैसे ओजोन और कण पदार्थ, भी फेफड़ों को संवेदनशील बनाते हैं।

फेफड़ों को सुरक्षित रखने के उपाय

अस्थमा रोगियों के लिए गर्मियों में कुछ आसान उपाय फेफड़ों को स्वस्थ रख सकते हैं। सबसे पहले, पर्याप्त पानी पीकर शरीर को हाइड्रेटेड रखें। दिन में 2-3 लीटर पानी पीना श्वसन नलियों को नम रखता है और सांस लेने में आसानी होती है। अपने इन्हेलर को हमेशा साथ रखें और डॉक्टर की सलाह के अनुसार दवाइयां लें। घर में एयर प्यूरीफायर का उपयोग करें और धूल-मिट्टी से बचने के लिए मास्क पहनें। गर्मी के चरम समय, खासकर दोपहर 12 से 3 बजे के बीच, बाहर निकलने से बचें।

सही आहार और व्यायाम

आहार में एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर खाद्य पदार्थ, जैसे हरी सब्जियां, फल (संतरा, सेब) और ओमेगा-3 युक्त खाद्य पदार्थ (अलसी, मछली), शामिल करें। ये फेफड़ों की सूजन को कम करते हैं और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं। मसालेदार और तले हुए भोजन से परहेज करें, क्योंकि ये अस्थमा को ट्रिगर कर सकते हैं। हल्का व्यायाम, जैसे योग और प्राणायाम, फेफड़ों की क्षमता को बढ़ाता है। सूर्य नमस्कार और अनुलोम-विलोम जैसे योगासन सांस को नियंत्रित करने में मदद करते हैं।

घरेलू उपाय और सावधानियां

गर्मियों में फेफड़ों को स्वस्थ रखने के लिए कुछ घरेलू उपाय भी कारगर हैं। अदरक और शहद का काढ़ा पीना सूजन को कम करता है और खांसी से राहत देता है। तुलसी के पत्तों को चाय में मिलाकर पीने से श्वसन तंत्र मजबूत होता है। घर में नमी को नियंत्रित रखने के लिए ह्यूमिडिफायर का उपयोग करें, लेकिन इसे नियमित रूप से साफ करें। धूम्रपान और एलर्जी पैदा करने वाले पदार्थों, जैसे परफ्यूम या पालतू जानवरों के बाल, से दूरी बनाएं।

समय पर चिकित्सक की सलाह

अगर आपको अस्थमा के लक्षण, जैसे सांस लेने में तकलीफ, लगातार खांसी या सीने में दर्द, बढ़ते हुए दिखें, तो तुरंत अपने चिकित्सक से संपर्क करें। नियमित जांच और फेफड़ों की कार्यक्षमता की जांच (स्पाइरोमेट्री) से स्थिति को नियंत्रित किया जा सकता है। अपनी दवाइयों का समय पर उपयोग करें और बिना सलाह के कोई दवा बंद न करें। अगर परिवार में अस्थमा का इतिहास है, तो पहले से सतर्क रहें।

सावधानियां और सुझाव

गर्मियों में अस्थमा को नियंत्रित करने के लिए छोटी-छोटी सावधानियां जरूरी हैं। बाहर निकलते समय सनस्क्रीन और हल्के कपड़े पहनें, लेकिन सांस लेने में बाधा न आए। गर्म और प्रदूषित इलाकों से बचें। तनाव प्रबंधन के लिए ध्यान और गहरी सांस लेने की तकनीकें अपनाएं। अपने ट्रिगर्स, जैसे धूल या पराग, को पहचानें और उनसे बचें। पर्याप्त नींद लें, क्योंकि यह फेफड़ों को रिकवर करने में मदद करती है।

स्वस्थ फेफड़े, स्वस्थ जीवन

हीट वेव में अस्थमा की परेशानी को सही देखभाल और जागरूकता से नियंत्रित किया जा सकता है। हाइड्रेशन, सही आहार, और समय पर चिकित्सक की सलाह आपके फेफड़ों को मजबूत बनाएगी। इन आसान उपायों को अपनाएं और गर्मियों में भी सांस लेने की स्वतंत्रता का आनंद लें!

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