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Bank Locker लेने से पहले ज़रूर जान लें ये 5 नियम, वरना पड़ सकता है लाखों का झटका!

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जब बात कीमती सामान को सुरक्षित रखने की आती है, तो बैंक लॉकर (Bank Locker) का नाम सबसे पहले दिमाग में आता है। चाहे आपके सोने-चांदी के गहने हों, प्रॉपर्टी के दस्तावेज हों, या पारिवारिक विरासत, बैंक लॉकर (Bank Locker) आपको टेंशन-फ्री रखता है। यह एक ऐसी सुविधा है, जो बैंकों द्वारा अपने ग्राहकों को दी जाती है ताकि उनकी कीमती चीजें चोरी, आग, या प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षित रहें।

लेकिन अगर आप भी बैंक लॉकर (Bank Locker) लेने का विचार कर रहे हैं, तो इसके नियमों, शुल्क और सुरक्षा व्यवस्था को अच्छे से समझना जरूरी है। आइए, इस सुविधा के हर पहलू को विस्तार से जानते हैं।

बैंक लॉकर क्या है और यह कैसे काम करता है?

बैंक लॉकर (Bank Locker) एक सेफ डिपॉजिट बॉक्स है, जिसमें आप अपने गहने, महत्वपूर्ण दस्तावेज, वसीयत, बॉन्ड्स, या छोटे कलेक्टिबल्स जैसी कीमती चीजें रख सकते हैं। ये लॉकर बैंक के हाई-सिक्योरिटी वॉल्ट में रखे जाते हैं, जो विशेष रूप से चोरी, आग, और प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं।

लॉकर को खोलने के लिए दो चाबियों की जरूरत होती है—एक आपके पास और दूसरी बैंक के पास। कई बैंक अब बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन भी इस्तेमाल करते हैं, जिससे सुरक्षा और मजबूत हो जाती है। हालांकि, यह सुविधा मुफ्त नहीं है। आपको इसके लिए सालाना किराया देना पड़ता है, जो लॉकर के आकार और बैंक की शाखा के स्थान पर निर्भर करता है।

लॉकर का किराया और शर्तें

बैंक लॉकर (Bank Locker) का किराया कई बातों पर निर्भर करता है, जैसे लॉकर का साइज़ और बैंक की लोकेशन। छोटे शहरों या ग्रामीण इलाकों में छोटे लॉकर का सालाना किराया 1000 रुपये से शुरू हो सकता है, जबकि दिल्ली, मुंबई, या बेंगलुरु जैसे मेट्रो शहरों में बड़े लॉकर के लिए आपको 10,000 रुपये तक चुकाने पड़ सकते हैं।

इस किराए पर जीएसटी भी लागू होता है। कुछ बैंक सिक्योरिटी डिपॉजिट भी मांगते हैं, जो लॉकर छोड़ने पर वापस मिल जाता है, बशर्ते कोई बकाया न हो। लॉकर लेने के लिए आपके पास उस बैंक में एक सक्रिय बचत खाता (Savings Account) या चालू खाता (Current Account) होना जरूरी है। कुछ बैंक न्यूनतम बैलेंस या फिक्स्ड डिपॉजिट (Fixed Deposit) की शर्त भी रखते हैं।

कितनी सुरक्षित है यह सुविधा?

बैंक लॉकर (Bank Locker) की सबसे बड़ी खासियत इसकी मजबूत सुरक्षा व्यवस्था है। ये लॉकर हाई-सिक्योरिटी वॉल्ट में रखे जाते हैं, जहां 24/7 सीसीटीवी निगरानी, बर्गलर अलार्म, और सिक्योरिटी गार्ड्स तैनात रहते हैं। वॉल्ट को आग, पानी, और भूकंप जैसी आपदाओं से बचाने के लिए खास तौर पर बनाया जाता है।

लेकिन एक बात ध्यान देने वाली है—अगर लॉकर में रखा सामान किसी कारण खराब हो जाता है और इसमें बैंक की गलती नहीं है, तो बैंक इसके लिए जिम्मेदार नहीं होगा। ऐसे में अपने कीमती सामान का निजी बीमा (Insurance) कराना एक समझदारी भरा कदम हो सकता है।

RBI के नियम और जिम्मेदारियां

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने बैंक लॉकर (Bank Locker) सुविधा को और पारदर्शी बनाने के लिए कई नियम बनाए हैं। 2021 में लागू नियमों के अनुसार, सभी बैंकों को एक मानक लॉकर समझौता (Locker Agreement) इस्तेमाल करना होता है, जिसमें ग्राहक और बैंक की जिम्मेदारियां साफ लिखी होती हैं। आपको कम से कम हर पांच साल में एक बार अपने लॉकर का दौरा करना जरूरी है। अगर आप लंबे समय तक लॉकर का इस्तेमाल नहीं करते या किराया बकाया रहता है, तो बैंक नोटिस देकर लॉकर तोड़ सकता है और सामान बेचकर बकाया वसूल सकता है।

RBI के मुताबिक, अगर चोरी, आग, या बैंक कर्मचारी की धोखाधड़ी के कारण नुकसान होता है, तो बैंक अधिकतम 100 गुना किराया मुआवजे के रूप में देगा। उदाहरण के लिए, अगर आपका किराया 5000 रुपये है, तो आपको अधिकतम 5 लाख रुपये मिलेंगे। इसलिए, महंगे सामान के लिए निजी बीमा जरूरी है।

लॉकर में क्या रख सकते हैं और क्या नहीं?

आप बैंक लॉकर (Bank Locker) में गहने, प्रॉपर्टी के कागजात, वसीयत, शेयर सर्टिफिकेट्स, और पारिवारिक विरासत जैसी चीजें रख सकते हैं। लेकिन कुछ चीजें रखने की सख्त मनाही है, जैसे नकदी, हथियार, ड्रग्स, विस्फोटक सामग्री, या खराब होने वाली वस्तुएं। अगर आप इन नियमों का उल्लंघन करते हैं, तो नुकसान होने पर कोई मुआवजा नहीं मिलेगा।

लॉकर का इस्तेमाल केवल बैंक के कामकाजी घंटों में होता है, और हर विजिट पर आपकी पहचान जांच की जाती है। कई बैंक साल में 12 मुफ्त विजिट्स देते हैं, इसके बाद प्रति विजिट 100 रुपये + जीएसटी लग सकता है। अगर आप अपनी चाबी खो देते हैं, तो नई चाबी बनाने या लॉकर तोड़ने का खर्च आपको देना होगा।

क्यों जरूरी है बैंक लॉकर?

बैंक लॉकर (Bank Locker) न सिर्फ आपके कीमती सामान की सुरक्षा करता है, बल्कि आपको मानसिक शांति भी देता है। लेकिन इसके नियमों और सीमाओं को समझना जरूरी है। अगर आप अपने सामान को पूरी तरह सुरक्षित रखना चाहते हैं, तो बैंक लॉकर के साथ-साथ निजी बीमा (Insurance) लेने पर विचार करें। यह एक छोटा सा निवेश है, जो आपके लाखों रुपये के सामान को अप्रत्याशित नुकसान से बचा सकता है।

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